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पंचांग Vrittabharati
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हिंदू धर्मग्रंथांची यादी

हिंदू धर्मग्रंथांची यादीहिंदू धर्मग्रंथांची यादी हिंदूंचे धार्मिक ग्रंथ मुख्यतः संस्कृतमध्ये आहेत. नंतरच्या काळात आधुनिक भारतीय भाषांमध्येही अनेक धार्मिक ग्रंथ रचले गेले. हिंदू धर्मातील (वैदिक धर्म) पहिला प्रकार श्रृती आहे ज्यात वेद आणि उपनिषदांचा समावेश आहे, त्यानंतर स्मृती ज्यात पुराण, रामायण आणि महाभारत यांचा समावेश आहे. तिसरा प्रकार म्हणजे संत साहित्य, जे खूप प्रसिद्ध आहे पण हे साहित्य देवाने किंवा कोणत्याही ऋषी-महर्षींनी लिहिलेले नाही तर संतांनी लिहिलेले आहे, ज्यांची संख्या अगणित आहे. वेद...19 Apr 2024 / No Comment /

हिन्दू धर्मग्रन्थों की सूची (हिंदी)

हिन्दू धर्मग्रन्थों की सूची (हिंदी)हिन्दू धर्मग्रन्थों की सूची (हिंदी) हिन्दूओं के धर्मग्रंथ मुख्यतः संस्कृत में हैं। बाद के काल में आधुनिक भारतीय भाषाओं में भी अनेक धर्मग्रन्थों की रचना हुई। हिन्दू धर्म(वैदिक धर्म) मैं ग्रंथो का पहला प्रकार है श्रृती जिसमे वेद और उपनिषद आते है इसके बाद स्मृती जिसमें पुराण, रामायण और महाभारत शामील हैं। ग्रंथों का तिसरा प्रकार है संत साहीत्य जो की बहूत प्रसिद्ध तो होते है परंतु यह साहीत्य ईश्वर...18 Apr 2024 / No Comment /

हिंदू धर्मग्रंथांची नावे आणि त्यांचा संक्षिप्त परिचय

हिंदू धर्मग्रंथांची नावे आणि त्यांचा संक्षिप्त परिचयहिंदू धर्मग्रंथांची नावे आणि त्यांचा संक्षिप्त परिचय – अनुक्रमणिका  वेद ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद अथर्ववेद वेदांच्या शाखा ब्राह्मण ग्रन्थ आरण्यक उपनिषद वेदांग शिक्षण कल्प व्याकरण निरुक्त छन्द (श्लोक), ज्योतिष उपवेद अर्थवेद धनुर्वेद गंधर्ववेद आयुर्वेद सूत्र भाग श्रौतसूत्र गृह्यसूत्र आणि धर्मसूत्र प्रातिशाख्य अनुक्रमणी इतिहास पुराण दर्शन स्मृती ग्रंथ निबंध ग्रंथ भाष्य, टीका आणि साम्प्रदायिक ग्रन्थ आगमा किंवा तंत्र ग्रंथ वैष्णवागम शैवागम शाक्तागम किंवा शाक्त तंत्र उपसंहार हिंदू धर्म हा अतिशय विस्तृत आणि...28 Dec 2023 / No Comment /

हिंदू धर्मग्रंथों के नाम एवं उनका संक्षिप्त परिचय (हिंदी)

हिंदू धर्मग्रंथों के नाम एवं उनका संक्षिप्त परिचय (हिंदी)हिंदू धर्मग्रंथों के नाम एवं उनका संक्षिप्त परिचय (हिंदी) – विषय सारिणी वेद ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद अथर्ववेद वेदों की शाखाएँ ब्राह्मण ग्रन्थ आरण्यक उपनिषद् वेदांग शिक्षा कल्प व्याकरण निरुक्त छन्द ज्योतिष उपवेद अर्थवेद धनुर्वेद गान्धर्ववेद आयुर्वेद सूत्र भाग श्रौतसूत्र गृह्यसूत्र और धर्मसूत्र प्रातिशाख्य अनुक्रमणी इतिहास पुराण दर्शन स्मृति ग्रंथ निबन्ध ग्रन्थ भाष्य, टीकाएँ तथा साम्प्रदायिक ग्रन्थ आगम या तन्त्र ग्रन्थ वैष्णवागम शैवागम शाक्तागम या शाक्त तन्त्र उपसंहार हिंदू धर्म बहुत...27 Dec 2023 / No Comment /

१८ पुराण और उनका सार (हिंदी)

१८ पुराण और उनका सार (हिंदी)१८ पुराण और उनका सार (हिंदी) ब्रह्म पुराण पुराणों की दी गयी सूची में इस पुराण को प्रथम स्थान पर रखा जाता है, इस पुराण में सृष्टि की उत्पत्ति, पृथु का पावन चरित्र, सूर्य एवं चन्द्रवंश का वर्णन, श्रीकृष्ण-चरित्र, कल्पान्तजीवी मार्कण्डेय मुनि का चरित्र, तीर्थों का माहात्म्य एवं अनेक भक्तिपरक आख्यानों की सुन्दर चर्चा की गयी है| भगवान् श्रीकृष्ण की ब्रह्मरूप में विस्तृत व्याख्या होने के कारण यह ब्रह्मपुराण के...27 Dec 2023 / No Comment /

१८ पुराण और २१ उप-पुराण का सारगर्भित रहस्य (हिंदी)

१८ पुराण और २१ उप-पुराण का सारगर्भित रहस्य (हिंदी)१८ पुराण और २१ उप-पुराण का सारगर्भित रहस्य (हिंदी) – लेख सारिणी:- १८ पुराण और २१ उपपुराण पुराण परिचय तथा अर्थ पुराणों की संख्या अठारह क्यों ? अट्ठारह पुराण उप पुराण १८ पुराणों में श्लोकों की संख्या १८ पुराणों का काल एवं रचयिता क्या १८ पुराण वेदव्यास रचित पुराणसंहिता से आये है ? १८ पुराण के नाम और उनका सार ब्रह्म पुराण ब्रह्माण्ड पुराण ब्रह्म वैवर्त पुराण मार्कण्डेय पुराण भविष्य...27 Dec 2023 / No Comment /

मुख्य उपनिषद

मुख्य उपनिषदमुख्य उपनिषद उपनिषदांची संख्या अंदाजे १०८ आहे, त्यापैकी साधारणपणे १३ उपनिषदांना मुख्य उपनिषद म्हणतात. मुख्य उपनिषदे ही ती उपनिषदे आहेत जी सर्वात जुनी आहेत आणि जी सर्वात जास्त वाचली गेली आहेत, पठण-पाठण केली जातात. त्यांच्या निर्मितीचा कालावधी ८०० इसवीसनपूर्व ते इसवी सनाच्या सुरुवातीपर्यंतचा मानला जातो. भारतातील ब्रिटीश राजवटीत काही विद्वानांनी केवळ दहा उपनिषदांना मुख्य उपनिषद मानले असले, तरी आता बहुतेक विद्वान १३ उपनिषदांना मुख्य उपनिषदे मानतात. (१) ईशावास्योपनिषद, (२) केनोपनिषद,...26 Dec 2023 / No Comment /

पुराण

पुराणपुराण मद्वयं भद्वयं चैव ब्रात्रयं वाचतुष्टयम | अनापलिंगकुस्काणि पुराणानि प्रचक्षते | पुराण या शब्दाचा शब्दशः अर्थ प्राचीन, जुना असा आहे आणि विविध विषयांवर, विशेषत: पौराणिक कथा, दंतकथा आणि इतर पारंपारिक कथांबद्दल भारतीय साहित्याचा एक विशाल प्रकार आहे. महाभारताचे कथाकार व्यास यांना भौगोलिक दृष्टिकोनातून पुराणांचे संग्राहक म्हणून श्रेय दिले जाते. प्रामुख्याने संस्कृतमध्ये रचलेले, यातील अनेक ग्रंथ विष्णू, शिव आणि देवी या प्रमुख हिंदू देवतांच्या नावावर आहेत. पुराण हे अभिजात हिंदू साहित्याचा...26 Dec 2023 / No Comment /

मुख्य उपनिषद् (हिंदी)

मुख्य उपनिषद् (हिंदी)मुख्य उपनिषद् (हिंदी) उपनिषदों की संख्या लगभग १०८ है जिनमें से प्रायः १३ उपनिषदों को मुख्य उपनिषद् कहा जाता है| मुख्य उपनिषद, वे उपनिषद हैं जो प्राचीनतम हैं और जिनका पठन-पाठन अधिक हुआ है| इनका रचनाकाल ८०० ईसापूर्व से लेकर ईसवी सन के आरम्भ तक माना जाता है| भारत में अंग्रेजों के शासन के समय के कुछ विद्वान यद्यपि केवल दस उपनिषदों को मुख्य उपनिषद की श्रेणी में रखते थे, किन्तु...26 Dec 2023 / No Comment /

पुराण (हिंदी)

पुराण (हिंदी)पुराण (हिंदी) मद्वयं भद्वयं चैव ब्रत्रयं वचतुष्टयम् | अनापलिंगकूस्कानि पुराणानि प्रचक्षते॥ पुराण शब्द का शाब्दिक अर्थ है प्राचीन, पुराना, और यह विभिन्न विषयों, विशेष रूप से मिथकों, किंवदंतियों और अन्य पारंपरिक विद्याओं के बारे में भारतीय साहित्य की एक विशाल शैली है| महाभारत के कथावाचक व्यास को भौगोलिक दृष्टि से पुराणों के संग्रहकारी के रूप में श्रेय दिया जाता है| मुख्य रूप से संस्कृत में रचित, इनमें से कई ग्रंथों...24 Dec 2023 / No Comment /

अथर्ववेद परिचय

अथर्ववेद परिचयअथर्ववेद परिचय – अनुक्रमणिका अथर्ववेदाचा परिचय :- अथर्ववेदातील आणखी महत्त्वाचे विषय:- अथर्ववेदाचा रचना काळ:- अथर्ववेदाबद्दल काही मुख्य तथ्ये :- अथर्ववेदाच्या शाखा:- अथर्ववेदाची वैशिष्ट्ये :- हिंदू धर्मातील चार पवित्र वेदांपैकी अथर्ववेद हा चौथा वेद आहे. अथर्ववेदाला ब्रह्मवेद असेही म्हणतात, त्यात देवांच्या स्तुतीचे मंत्र, वैद्यकशास्त्र, विज्ञान आणि तत्त्वज्ञान देखील आहे. ज्याच्या राज्यात अथर्ववेदाचा अभ्यासक राहतो, तो त्या राज्यात शांतता प्रस्थापित करण्यात तल्लीन असतो. ती अवस्था विघ्नमुक्त राहून प्रगतीच्या मार्गावर चालते. भगवंताने प्रथम...24 Dec 2023 / No Comment /

सामवेद परिचय

सामवेद परिचयसामवेद परिचय – अनुक्रमणिका सामवेदाचे दोन भाग आहेत:- सामवेदाचा अर्थ :- सामवेदात तीन आचार्य आहेत:- सामवेदाचे महत्त्व :- सामवेदातील सर्वोत्तम तथ्ये :- संगीत नोट्स :- वारसा :- ब्राह्मण ग्रंथ :- सामवेदाचे दोन भाग आहेत:- १ आर्किच आणि २ गाणी भारतीय संस्कृतीतील सर्वात जुने धार्मिक ग्रंथ म्हणजे वेद, जे चार भागात विभागलेले आहेत: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद आणि अथर्ववेद. ज्ञानाच्या या अद्भुत भांडाराच्या वेदांमध्ये सामवेद तिसर्‍या क्रमांकावर आहे. संपूर्ण सामवेदात एकूण १८७५...24 Dec 2023 / No Comment /